संता – यार मैं घरवालों से बड़ा परेशान हूँ
बंता -क्यों ?
संता – अरे उनको घड़ी में टाइम तक देखना नहीं आता
बंता – मतलब ?
संता – सुबह- सुबह मुझे जबरदस्ती उठा देते हैं
और बोलते हैं –
“उठ जा, देख कितना टाइम हो गया”
जज: तुमने इसके पैसे क्यूँ चुराए?
चोर: मैने पैसे नहीं चुराए
इसने खुद ही दिए थे
जज: इसने पैसे कब दिए?
चोर: जब मैने इसे बंदूक दिखाई!
सारे दिन आदमी को घर में
बनियान में देख के पत्नियों ये
समझने लगती है कि
उनकी शादी किसी दिहाड़ी मजदूर से हुई है
और उसी हिसाब से काम बताती है
Har ladki tere liye bekarar hai,Har ladki ko tera intzar hai,Ye tera koi kamaal nahi,bus kuch din baad...RAAKHI ka tyohaar hai!!
Ummidon ki manzil de gayi,Khwabon ki duniya be gayi,Abe teri kya izzat reh gayi,Jab ek zakkas item tere ko RAKHI pehna gayi...