लोग पूछते हैं हमसे
कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते;
तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए
हम उनसे प्यार उतना नहीं करते…
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!