भारत के गणतंत्र का,
सारे जग में मान है,
दशकों से खिल रही,
उसकी अदभुत शान हैं.
Ek raat dhadkan ne aankh se pucha.
tu dosti me itni kyu khoi hai?
Tab dil se awaj aayi doston ne hi
saari khusiyan di hai,
warna pyar karke toh ankh royi hai..
ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और
लोग मुझे आवारा समझते हैं
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना ..
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..