नफरत बुरी है ना पालो इसे,
दिलों में खलिश है निकालो इसे,
न तेरा, न मेरा, न इसका न उसका,
ये सबका वतन है संभालो इसे.
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा,
परबत वो सबसे ऊंचा हमसाया आसमां का, वह संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा!
गणतंत्र दिवस की बधाइयां !! जय हिंद !!