'ज़िन्दगी ' मैं किसी का साथ काफी है, कंधे पर किसी का हाथ काफी है,
दूर हो या पास क्या फर्क पड़ता है, अनमोल रिश्तों का तो बस एहसास ही काफी है
न सोचा मैंने आगे,
क्या होगा मेरा हशर,
तुझसे बिछड़ने का था,
मातम जैसा मंज़र!
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
जिंदगी बहुत खूबसूरत है सब कहते थे
जिस दिन तुझे देखा तो मुझे
यकीन भी हो गया…
Hasai to hasi lav,
Radai to radi lav,
Sangraam chhe jindagi,
Ladai to ladi lav.