काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी,
टूटे ना कभी डोर विश्वास की,
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी,
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की।
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभ कामनायें!
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।
पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है, नींद नहीं
पैसे से महल खरीदा जा सकता है लेकिन खुशियाँ नहीं
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह हैजो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है…
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह है
जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है…
मन छोड़ व्यर्थ की चिंता तू शिवका नाम लिये जाशिव अपना काम करेंगे तू अपना काम किये जाशिव शिव शिव ऊँ: नम: शिवाय