वो साथ थी तो मानो जन्नत थी जिंदगी दोस्तों,
अब तो हर सांस जिंदा रहने कि वजह पूछती है।
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!
Us Fiza Mein Bhi Jalta Raha
Mein Kisi Ke Liye…..
Jaha Charaag Bhi Taraste They Roshni Ke Liye…
कद बढ़ा नहीं करते, ऐड़ियां उठाने सेऊंचाईया तो मिलती हैं, सर झुकाने से।
Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.