दिल की धड़कन और मेरी सदा है तू,
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है तू,
चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़ कर,
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू।
तेरे रुखसार पर ढले हैं
मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई
मोहब्बत की दुआ हो तुम।
हमारी हर रात तम्हारे साथ हो,
ओर प्यार मोहब्बत की बात हो,
हम लेले तुम को बाँहों में अपनी,
फिर बताये तुम ही ज़िन्दगी तुम ही हमारी कैनाथ हो,
गुड नाईट डिअर…
तुम्हारे मिलने के बाद नाराज़ है रब्ब मुझसे,
क्योंकि मैं उनसे अब और कुछ मांगता ही नहीं
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।