सच्चीमोहब्बतमेंप्यारमिले
नमिलेलेकिनयादकरनेके
लिएएकचेहराजरूरमिलजाताहै
न कुर्बतों मेंसुकून हैन फासलों में करार हैना वस्ल में मज़ा हैन हिज़्र मेंवो सज़ा हैमैं कहूँ जान की आफततुम कहते हो कि प्यार है
लोग रूप देखते है ,हम दिल देखते है ,लोग सपने देखते है हम हक़ीकत देखते है,लोग दुनिया मे दोस्त देखते है,हम दोस्तो मे दुनिया देखते है
कुछ अजीब सा रिश्ता है
उसके और मेरे दरमियां
ना नफरत की वजह मिल रही है
ना मोहब्बत का सिला
इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है,
गम देके वो पूछे हैं कोई गम तो नहीं है,
चल मान लिया तेरा कोई दोष नहीं है,
हालांकि दलीलों में तेरी दम तो नहीं है