किसीनेयूँहीपूछलियाहमसेकिदर्दकीकीमतक्याहै,हमनेहँसतेहुएकहा,पतानहींकुछअपनेमुफ्तमेंदेगए।
जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे
Ishq mein judaayi bhi hoti hai,
Ishq mein tanhaayi bhi hoti hai,
Ishq mein bewafaayi bhi hoti hai,
Tu thaam kar to dekh haath mera to pata chalega,
Ki ishq mein sachchayi bhi hoti hai.
तुम्हारे प्यार का मौसम
हर मौसम से प्यारा है
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!