दूरियों की ना परवाह कीजिये,
दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये,
कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे,
बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये।
वो नहीं आते पर निशानी भेज देते हैख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देते हैकितने मीठे है उनकी यादो के मंज़रकभी कभी आँखों में पानी भेज देते है
उसने कहा चले जाओ
मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा कौन हो तुम
भाईसाहब!!
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
जिस जिसका मैं हुआ नहीं
उसकी जिंदगी सवर गयी
मैं राह देखता रहा जाने किसकी
और इन्ही राहों पे ये जिंदगी गुजर गयी