जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की,
जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।
आदत है या तलबइश्क है या चाहततू दिल मे है या साँसों मेतू दीवानगी है या मेरी आशिकीतू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सापर जो भी है सिर्फ तू है
Umeedon Ki Manzil Toot Gayi;
Aankho Se Ashqo Ki Dhara Beh Gayi;
Arre Tumhari Bhi Kya Ijjat Reh Gayi;
Jab Class Main Ladki Bhaiya Keh Gayi!
हर साँस में उनकी याद होती है,मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैंज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं
मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर मेंमगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं