न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे,
हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं।
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,यार ज़िन्दगी तोह बीत जायेगी,बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना. |