चले आओ सनम बस आखिरी साँसें बची हैं कुछ,
तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें।
जिस जिसका मैं हुआ नहीं
उसकी जिंदगी सवर गयी
मैं राह देखता रहा जाने किसकी
और इन्ही राहों पे ये जिंदगी गुजर गयी
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न
हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā
Dil Ki Dahleez Par Rakh Kar Teri Yaadon Ke ChiraagHumne Duniyan Ko Mohabbat Ke Ujaale Bakhshey