ना चिंता ना भय हो, भोले नाथ आपकी जय हो।
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुज़र जाती है,प्यास बुझती भी नहीं बरसात गुज़र जाती है,अपनी यादों से कहो यु ना आया करेनींद आती भी नहीं रात गुजर जाती है..
ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरसजब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरसपहले ना बरस कि वो आ न सकेजब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके
इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं,
हमने क्या आसूं पिए की मौसम रो पड़े!
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..