मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है…
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,जितना आप समेट पाए उतना आप हमें चाहते हैऔर जितना ना समेट पाए उतना हम आप को चाहते है...
Aaj Halki Halki Baarish Hay,Aaj Sard Hawa Ka Raqs Bhi Hay,Aaj Phool Bhi Nikhray Nikhray Hain,Aaj Un Main Tumhara Aks Bhi Hay
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुज़र जाती है,प्यास बुझती भी नहीं बरसात गुज़र जाती है,अपनी यादों से कहो यु ना आया करेनींद आती भी नहीं रात गुजर जाती है..
Aye barish zara tham ke baras,Jab mera yaar aa jaye to jam ke baras,Pehle na baras ki woh aa na sake,Phir itna baras ki woh ja na sake.