वो बेवफा न था यूँ ही बदनाम हो गया 'फ़राज़'
हजारों चाहने वाले थे वो किस किस से वफ़ा करते
दिल से जो भी मांगोगे मिलेगा,
ये गणेश जी का दरबार है,
देवों के देव वक्रतुंडा महाकाया को,
अपने हर भक्त से प्यार है।
न सोचा मैंने आगे,
क्या होगा मेरा हशर,
तुझसे बिछड़ने का था,
मातम जैसा मंज़र!
Badal jab garajte hain, dil ki dharkan badh jati hai,
Dil ki har ek dharkan se awaz tumhari aati hai.
तुम समझ लेना बेवफा मुझको, मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा
ये वजह अच्छी होगी , एक दूसरे को भूल जाने के लिये