घर में भी दिल नहीं लग रहा, काम पर भी नहीं जा रहाजाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा।
रात के तीन बजने को हैं, यार ये कैसा महबूब है?जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा।
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे शराब से भी कड़वे होते है...
।। कहते है पीनेवाले मर जाते है जवानी में ।।
।। हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में ।
Agar Bhigne Ka Itna Hi Shaukh Hai Baarish Me,To Dekho Meri Aankho Me,Baarish To Har Ek Ke Liye Barasti Hai,Lekin Ye Aankhe Sirf Tumhare Liye Barasti Hai..
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है