सुबह को सताना अच्छा लगता है,
सोये हुए को जगाना अच्छा लगता है,
जब याद आती है किसी की तो,
उसे भी अपनी याद दिलाना अच्छा लगता है..!
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!