न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
मेरी इबादतों को ऐसे कर कबूल ऐ मेरे खुदा,
के सजदे में मैं झुकूं तो मुझसे जुड़े हर रिश्ते की जिंदगी संवर जाए..!!
ज़िन्दगी के किताब में कुछ पन्ने ख़ास होते है..कुछ अपने कुछ बेगाने होते है…प्यार से सवार जाती है ज़िन्दगी…जब रिश्तो में चॉकलेट की तरह मिठास होती है…!!!
लिपट जाओ एक बार फिर गले हमारे,
कोई दीवार न रहे बीच हमारे तुम्हारे,
लिपट जाती जरूर अगर ज़माने का दर न होता,
बसा लेती मैं तुमको अगर सीने में कोई घर होता..
रोज़ इक ताज़ा शेऱ कहां तक लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज़ ही एक नयी बात हुआ करती है…