या देवी सर्व भूतेषु माँ रूपेण संस्थिता ।
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता ।
या देवी सर्व भूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता ।
या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै। नमस्तस्यै।
नमस्तस्यै। नमो नमः।।
दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा…
बस याद रहे की मुड़ कर देखने की आदत इधर भी नही…
किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता
Labo se tut gaye guftagu ke sab rishte
wo dekhta hei to bas dekhta hi rahta hei..
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …