शुभ नवरात्रि
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥
ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और
लोग मुझे आवारा समझते हैं
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा।