काश कोई हम पर भी अपना प्यार जताती,
पीछे से आकर हमारी आंखों को छुपाती,
हम पूछते की तुम कौन हो,
और तुम खुद को हस कर हमारी जान बताती..
लगता है, मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर,
मेरी दुनीयाँ में आपकी मौजूदगी, यूँ ही तो नहीं.!
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
लोग पूछते हैं हमसे
कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते;
तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए
हम उनसे प्यार उतना नहीं करते…
वक़्त को भी हुआ है ज़रूर किसी से इश्क़,जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।