इश्क़ इश्क़ होता है साहब,
ये हर किसी को
हर किसी से नहीं होता...!
Khushi hoti hai bahot
Use khush dekh kar
Mere sath na sahi
Kisi aur ke sath dekh kar.
Itne Lamhe Guzare Hai Tere Saath Humne
Ke Aaj Ek Lamha Tanha Guzarna Mushkil Hain.
उसने मोहब्बत, मोहब्बत से ज़्यादा की थी,
हमने मोहब्बत उस से भी ज़्यादा की थी,
वो किसे कहेंगे मोहब्बत की इन्तहा,
हमने शुरुआत ही इन्तहा से ज़्यादा की थी.
मेरी यादों में तुम हो या मुझ में ही तुम हो,
मेरे ख़यालों में तुम हो या ख़याल ही तुम हो,
दिल मेरा धड़क के बार बार ये पूछे,
मेरी जान में तुम हो या मेरी जान ही तुम हो!!