ऐ चांद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना तारो के संग रोशनी
भी देना हटा देना अंधेरा का छाया रात के बाद एक सुंदर सा सवेरा देना
शुभ रात्री
Hum paas rahen ya door,
Par dil se dil ko mila sakte hain,
Na khat na lafz ke mohtaz hai hum,
Ek hichki se apke dil ko hila sakte hain hum…
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।