बेबस निगाहों में है तबाही का मंज़र,
और टपकते अश्क की हर बूंद
वफ़ा का इज़हार करती है……..
डूबा है दिल में बेवफाई का खंजर,
लम्हा-ए-बेकसी में तसावुर की दुनिया
मौत का दीदार करती है……….
ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की… और कहेना,
के कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश
उनके आँचल का इंतज़ार करती है……….