तुम भी बदल गये,
हम भी बदल गये,
तब जाके ये ज़माना बदला..
उसने पूछा सबसे ज्यादा क्या पसंद है तुम्हे
मैं बहुत देर तक देखता रहा उसे
बस ये सोचकर कि
खुद जवाब होकर उसने सवाल क्यूँ किया…!!
सोच को बदलो, सितारे बदल जायेंगे
नजर को बदलो, नज़ारे बदल जायेंगे
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं.
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है,बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है।
“जीत की ख़ातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमे उबाल हो ऐसां खून चाहिए,
ये आसमा भी आएगा जमी पर ,
बस इरादों में जीत की गूँज चाहिए……..!!!.