"अपने गलतियों पे झुक के माफ़ी माँग लेना,
अपने अहम से जादा रिश्तों को मोल देना,
वैसे तो हमें बार -बार लौट आने की आदत है,
पर मेरी मोह्हबत को कमजोरी ना जान लेना l"
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना ..
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..
समझदार बनने की कोशिश में शरारत
भी खो बैठे
अब इस समझदारी में सबको साजिश नजर
आती है…
तुझे चाहता रहा मै इस कदर,
के दुनिया व् भुला बैठा,
तेरी एक हसी के बदले,
अपनी ज़िन्दगी भुला बैठा