"मेरे कंधे पे सर रख तू खुद में खो सके,
तेरे कंधे पे सर रख मैं कभी रो सकूँ l"
तो तलाश आज दोनों की ख़त्म हुई.....❤💕
हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega bahuat hume kho dene ke baad…
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
उमीद तो हमने ये की थी,
में राँझा तेरा तू मेरी हीर बने,
पर शायद खुद को ये मंज़ूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने!