मुस्कुराइये क्यूंकि आज वही कल है
जिसकी आपको कल बहुत फ़िक्र थी
ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते
इसलिए उन्होंने माँ को बनाया
वर्षों से दहलीज़ पर कड़ी वो मुस्कान है,
जो हमारे कानो में धीरे से कहती है,
“सब अच्छा होगा”
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है
जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है