"मोह्हबत है इसलिए शायद,ये बात भी भूल जाता हूँ,जब चाँद मेरे पास नहीं होतातो कंही और निकलता है l"
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।
Yun to sapne bahut hasi hote hai,
Par sapno se pyaar nahi karte,
Chahate to tumhe hum aaj bhi hai,
Bas apni chahat ka izhar nahi karte!!!
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
माँ ने कहा था कभी किसीका दिल मत तोडना,,इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!