"मेरी शब्दों में अगर,तुम्हारा महबूब दिख जायेतो मेरी कोई खता नहीं,मैंने तो सब अपने,दिल के नाम लिखा है l "
अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !
रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!
“तुम आए ज़िंदगी मे कहानी बन कर,
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर”
Main Jo Chahu To Tod Du Naata Tumse
Par Mein Buzdil Hu
Maut Se Darr Lagta Hai …