"अखिल प्रेम की कल्पना है यही,प्रेम की है जग में, सत्या जो सही,मौन की अपनी भाषा, होती प्रिय,प्रेम की बात तो, प्रेम से ही कही l"
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
जब आती है याद तुम्हारी
तो करके आँखें बंद तुम्हे मिस कर लेते हैं
मुलाकात तो रोज़ हो नही पातीइसलिए ख़यालो में ही किस कर लेते हैं…..
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।
ये फूल ये खुशबू ये बहार !
तुमको मिले ये सब उपहार !!
आसमा के चाँद और सितारे !
इन सब से तुम करो सृंगार !!
तुम खुश रहों आवाद रहों……
खुशियों का हो ऐसी फुहार !
हमारी ऐसी दुआ हैं हजार !!
दामन तुम्हारा छोटा पर जाए !
जीवन में मिले तुम्हे इतना प्यार !