"उगते सूरज को,अंधेरा रोक पाया क्या,फूलों को महकने से, हवा रोक पाया क्या,दिल में मोह्हबत को,कोई रोक नहीं सकता,आँखें बंद करके, ख्वाब को कोई रोक पाया क्या l"
याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना ..
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..
Hamen Taameer Ke Dhokhe Mein Rakhakar Hamaare Khvaab Chunavaaye Gae Hain
किसी की मजबूरी का….मजाक ना बनाओ यारों..!!
ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है..!!
ये ज़िन्दगी तेरी यादो से,
अब नासूर सी चुभती है,
किसे पता था मेरी दोस्त,
ये यादे ताज महल से बड़ी लगती है!