"वो कागज़ और मैं, कलम सा लगता हूँ,उसे मिलने के बहाने, रोज लिखता हूँ,स्याह मोह्हबत का,कागज़ चुम लेता है,कोई गज़ल फिर, उसके नाम कर देता हूँ l"
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो,
गुनगुनाते परिंदों की आवाज़ हो,
हाथ में चाय का कप, और यादों में कोई ख़ास,
उस खूबसूरत सुबह की पहली याद आप हो।
Yeh Jo Ladkiyon Ke Baal Hote Hain,Ladkon Ko Fasaane Ka Jaal Hote Hain.Khoon Chus Leti Hain Ladkon Ka Saara,Tabhi Toh Inke Honth Laal Hote Hain.
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये,
आपको कभी कोई रुला ना पाये,
खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में..
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।