"सारा ज़माना, सप्ताह की परेशानी सी लगती है,तुमसे मिलना, रविवार वाली आसानी सी लगती है l"
हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये,
आपको कभी कोई रुला ना पाये,
खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में..
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
Apni tanhaayi se tang aa kar..
Bahut se aainey khareed laya hun …