सफ़र में साथ तेरा, ऐ हमसफ़र!हमेशा नहीं होगा,मेरे दिल में, तेरे लिए दुआ के सिवा कुछ नहीं होगा l
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.
तेरे बाद हमने इस
दिल का दरवाजा खोला ही नहीं
वरना बहुत से चाँद आये
इस घर को सजाने के लिए
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!