"जैसे बहती नदी, किनारों पे निशान छोड़ जाती है,जुगनू अँधेरे में अपनी, अलग पहचान छोड़ जाती है,कभी गुजरती है रेल पुल पे, मुझे सुनाई नहीं देता,तुम्हारे साथ होकर, ज़िंदगी पहचान छोड़ जाती है l"
सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के की कोई मनाने नहीं आएगा,
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही |
उनसे बात करके जिस कदर दिल को चैन आता है,
इतना असर तो की दवा भी नही दिखा पाता है
घुटन क्या चीज़ है, ये पूछिये उस बच्चे से
जो काम करता हैं ,इक खिलोने की दुकान पर...
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!