"चाँद चढ़ता है,आसमां में,वो आँखों में उतर आता है,कैसा शख्स है वो,सपनों में भी आ जाता है l"
शुभ रात्रि
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझको
इस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
शायरी मे सिमटते कहाँ हैँ दिल के दर्द दोस्तों
बहला रहे हैँ खुद को जरा कागजो के साथ
चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन,
क्यूँ रोज गरजते हो बरस जाओ किसी दिन,
खुशबु की तरह गुजरो मेरी दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन।
यूं तो हर दिल में एक कशिश होती है
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है
मुमकिन नहीं सभी के लिए ताज महल बनाना
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती है