हर रोज, चुपके से, निकल आते हैं नये पत्ते ।यादों के दरख़्तों में, मैंने, कभी पतझड़ नहीं देखा ।।
Dekhi hotho ki hasi zakham na dekhe dil ka,
aap bhi oron ki tarha kha gae dhokha keishe!
प्यार वो है जिसमें सच्चाई साथ हो
साथी की हर बात का एहसास हो
उसकी हर अदा पर नाज हो
दूर रहकर भी पास होने का अहसास हो
Har aankh yahan yun to bahut roti he,
har boond magar ashk nahi hoti he,
par dekh k ro de jo zamaane ka gam,
us aankh se aansu jo gire moti he…
इत्तेफाक से तो नहीं,
हम दोनों टकराये
कुछ तो साजिश
खुदा की भी होगी