बहुत कुछ कहना था,पर कैसे और क्या,ये समझ नहीं आया,तो हाँथ पकड़,उसने कहा 'बस',मैने भी साँसे रोक,ज़रा जोर से दबा दिया l
मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू सुना है आबशारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को चरागों से मज़ारों को बड़ी तकलीफ़ होती है कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
मेरा हर ख्वाब आज हकीकत बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी ज़िन्दगी बन जाये,
हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए,और ये गुलाब मोहब्बत की शुरुआत बन जाये |
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!