तुम चुपके से निकलते हो,मैं मुस्कुरा देखता हूँ..तुमसे मिला कर नज़र,खुद को फ़ना करता हूँ..
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
ये मुहब्बत कब, किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता
हर वर्ष आता हैं,
हर वर्ष जाता हैं,
इस वर्ष आपको,
वो सभी मिल जाए,
जो आपका जी चाहता हैं.
HAAPY NEW YEAR 202
Tujh Se Nahi Waqt Se Naraz Hu Main
Jo Kabhi Tumko Mere Liye Nahi Milta…!!!