क्या तुम समझ जाओगी,क्या मैं समझा पाउँगा lइसी द्वन्द में जब रहता हूँ,कहते कहते भी,तभी चुप रहता हूँ l
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर हू ,
चाहा था सिर्फ एक तुमको और तुमसे ही दूर हू .
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती,
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
हम पूछते की कौन हो आप …??
और वो मुस्करा कर खुदको हमारी जान बताती.
इतना ना तड़पाओ मेरे दिल को,
इतना ना सताओ मेरे बाहों को,
इतना ना छुपाओ तेरे प्यार को,
आग दोनो तरफ़ लगी हैं..आओ ले लो मुझे अपनी बाहों में..
HAPPY HUG DAY 2018
ना छेड़ किस्सा ए उल्फत ,
बड़ी लम्बी कहानी है ।।
मैं जमाने से नहीं हारा ,
बस किसी की बात मानी है…..
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझको
इस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये