मेरी चिल्लाने की आवाज़ मैं खुद नही सुन पाया,नज़र में ये था की नाटक ना समझ ले l
खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते है,हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते है,जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!
तेरी आवाज़ सुनने को तरसे है मन मेरा,
तेरी एक झलक पाने को बेकरार है मन मेरा,
अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा तेरे साथ गुजारु,
हर पल बस यही चाहता है मन मेरा!!
मुस्कुराओ क्या गम है,
जिंदगी में टेंशन किसको कम है,
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है,
जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है!!
तुमसे ही रूठ कर तुम्ही को याद करते हैं
हमे तो ठीक से नाराज़ होना भी नही आता