मिलेंगे आँधियाँ बहुत रास्ते में,हमें फिर भी चलना है lबहुत देर करनी है रौशनी,इसलिए थोड़ा धीरे जलना है l
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने !
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।