नज़र से दूर हुआ, दिल से नहीं,इश्क़ तुझसे पछताना तो यही सही lदूर तुझसे रहना मुझे भी नहीं भाता,ये बात तेरे सामने बताना नहीं आता l
सब कुछ झूठ है
लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं।
ना जाने क्यों कोसते हैं लोग बदसूरती को…बर्बाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते हैं….!!
बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ