"मैं बन के बादल, कंही भी बरस जाता,तुमसे मिलके फिर,मैं कहाँ तक जाता,तय है कि नदी बन, बहना है तेरी ओर,झरना मिलने कभी, समंदर नहीं जाता l"
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
गुजर गई वो सितारों वाली प्यारी सी रात,
आ गयी याद वो आपकी एक मीठी सी बात,
हर पल होती रहती थी हमारी मुलाकात,
अब तो बिन आपके होती होती है दिन की शुरुआत! 💘
Good Morning
मुद्दतों राब्ता नही मिलताकोई भी रास्ता नही मिलतानींद रूठी है जबसे आँखों सेख्वाबों से वास्ता नही मिलता..
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se