"जो ख़त मैंने लिख के जला दिये,जो अल्फाज़ मैंने लिख के मिटा दिये,जो बात मैंने खुद से भी छिपा लिए,उनमें मेरी मोह्हबत के अहसास थे l"
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
चारो तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ,
मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात
सभी का शुभ हो नव वर्ष हर बार
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
Dard ho Dil Men To Dawa KijiyeDil hi Jab Dard Ho To Kya Kijiye.