बातें मेरी उन्हें समझ नहीं आती,हर बात, बातों में समझाई नहीं जाती lआँखें बंद कर क्यों नहीं सुनती दिल की,दिल की बातों में दिमाग़ लगाई नहीं जाती l
ज़िन्दगी का अनुभव थोड़ा कच्चा है,जितना समय गुज़र गया.. अच्छा है,अपना घरौंदा ख़ुशी से चहके सदा,हम बड़े हो गए पर दिल तो बच्चा है।
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ।
भले ही किसी गैर की जागीर थी वो,
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो,
मुझे मिलती तो कैसे मिलती,
किसी और के हिस्से की तक़दीर थी वो
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..