*अपनी आंखों को* *जगा दिया हमने**सुबह का फर्ज अपना* *निभा दिया हमने**मत* *सोचना कि बस* *यूं ही तंग किया हमने**उठकर* *सुबह भगवान के साथ**आपको भी याद किया हमने**सुप्रभात*
ज़िन्दगी का अनुभव थोड़ा कच्चा है,जितना समय गुज़र गया.. अच्छा है,अपना घरौंदा ख़ुशी से चहके सदा,हम बड़े हो गए पर दिल तो बच्चा है।
इकरार में शब्दों की एहमियत नही होती,दिल के जज़बात की आवाज़ नही होती,आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,मोहब्बत लफज़ो की मोहताज़ नही होती!
Jee Chahe Ki Duniya Ki Har Ek Fikr Bhula Kar,
Dil Ki Baatein Sunaun Tujhe Pass Bitha Kar.
उठा लो दुपट्टे को ज़मीन से कहीं दाग़ न लग जाए,
पर्दे में रखो चेहरे को कहीं आग न लग जाए।